नशामुक्त भारत बनाना धर्म संसद का सपना : स्वामी अग्निवेश

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बोधगया। निज संवाददाता First Published:24-09-2016 09:44:39 PMLast Updated:24-09-2016 10:23:09 PM

 
 
नशामुक्त भारत बनाना धर्म संसद का सपना : स्वामी अग्निवेश

सामाजिक चिंतक स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि नशामुक्त भारत बनाना धर्म संसद का सपना है। उन्होंने बिहार में शराबबंदी की फैसले को सही बताया और नीतीश कुमार को बधाई दी। शनिवार को मगध यूनिवर्सिटी में इंटर रीलिजियस अंडरस्टैंडिंग विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नशा सारी बुराइयों की जड़ है।

नशामुक्ति के सर्मथन में सभी लोगों से आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि परिवर्तन वक्त की पुकार है। भाषा पद्धति भले अलग-अलग हो, लेकिन हम सब एक ईश्वर की संतान हैं। आज वास्तविक धर्म की जरूरत है। अलगाववादी विचारधारा का त्याग करें। धर्म के नाम पर लड़ना बंद करें और अच्छी मानवता की मिशाल पेश करें।

एमयू के वीसी प्रो. इश्तियाक ने कहा कि आज के दौर में सांप्रदायिकता, कट्टरता और हठधर्मिता का राक्षस हावी है। भारत परंपराओं का देश रहा है। आपसी क्लेश और मतभेद का त्याग करें।

जैन धर्म के आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि दुनिया में हिंसा और आतंक का बोलबाला है। यह प्रर्यावरण प्रदूषण से भी बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि गुस्सा और नशा मनुष्य के विवेक को खा जाता है। जबतक दृष्टिकोण सम्यक नहीं होगा, तब तक समाज में बदलाव संभव नहीं है।

बौद्ध धर्म के प्रो. जी एस समथीन ने भारत को सर्वधर्म सम्मान परंपरा का देश बताया। सभी धर्मों के धर्मगुरुओं ने आपसी सौहार्द और भाईचारा बढ़ाने पर जोर दिया। आईओएस नई दिल्ली के चेयरमैन डॉ मंजूर आलम ने कहा कि यहां से इबादत की जो आवाज उठेगी, वह दुनिया को मानवता का संदेश देगा। नफरत की जो हवा चल रही है, उसे धर्मिक नेता ही दूर करेंगे।

अंत में प्रो एनके शास्त्री ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इसके पहले हिन्दू धर्म से पंडित रामाचार्या, बौद्ध धर्म की तेजिंग लामा, इस्लाम धर्म के मो. युसूफ रिजवी, जैन से सिस्टर खुशी, सिख धर्म के सरदार करनैल सिंह, क्रिश्चन से सिस्टर मनीषा ने विश्वशांति की प्रार्थना की। रविवार को समापन सत्र के मुख्य अतिथि गर्वनर रामनाथ कोविंद होंगे