हमने नबी को खुदा से बड़ा बना दिया : स्वामी अग्निवेश

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अमर उजाला ब्यूरो
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015
 
अलीगढ़
Updated @ 1:29 AM IST
 
 
 
We have made ??great prophet of God : Swami Agnivesh

 

प्रख्यात आर्यसमाजी एवं सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने हिंदू एवं इस्लाम में व्याप्त कुरीतियों, आडंबर एवं पाखंडों पर जोरदार प्रहार किया और आह्वान किया कि आओ हम सब मिलकर एक ऐसी दुनिया बनाएं कि आदमी और आदमी के बीच के सारे फासले खत्म हो जाएं। 

गुरुवार को एएमयू में इंटरफेथ अंडरस्टैडिंग पर इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया। स्वामी अग्निवेश ने हिंदू धर्म में व्याप्त जातिवाद, छुआछूत, अंधविश्वास, टोटका, लिंग भेद, तरह-तरह की प्रथाओं पर बेबाकी से प्रहार किया और कहा कि जिस धर्म या जाति में ये बुराइयां हैं, उसमें मैं नहीं रह सकता। इससे अच्छा इंसान रहना चाहता हूं। 

स्वामी अग्निवेश ने कहा कि नमाज पढ़ने के लिए आराम से सभी एक जगह आते हो और नीचे उतरते ही शेख सैयद अपनी गली और धोबी-तेली अपनी गली चला जाता है। शिया-सुन्नी आपस में विवाह क्यों नहीं कर सकते। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि अल्लाह जब सुप्रीम है तो पैगंबर (मैसेंजर) उनसे बड़ा कैसे हो गया। 

आज हमने अपने-अपने रसूलों को खुदा से बड़ा बना दिया है। हम मंदिर-मस्जिद बनवाते हैं और एक ईंट उखाड़ लेने पर आपस में लड़ जाते हैं। हम इसलिए लड़ते हैं कि मंदिर-मस्जिद हमने बनाए हैं। लेकिन जिस इंसान या पर्यावरण को अल्लाह ने बनाया है, उसकी कोई कीमत नहीं है क्या?

उन्होंने कहा कि आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती एवं सैयद अहमद खान दोस्त थे। 1878 में कामन एजेंडे पर आयोजित बैठक में दोनों शामिल हुए। दोनों लोगों की सोच में परिवर्तन लाना चाहते थे। 

मलेशिया के पूर्व विदेश मंत्री और आर्गेनाइजेशन ऑफ� इस्लामिक को आपरेशन के विशेष दूत डॉ. सैय्यद हामिद अलबर ने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी समुदायों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने के लिये निरंतर विचार विमर्श करते रहना चाहिए। पेरिस में आतंकवादी हमले के बाद हेट क्राइम में वृद्धि हुई है। 

विश्व संसद अमरीका के अध्यक्ष प्रोफेसर ग्लैन टी मार्टिन ने कहा कि तेल उत्पादक देशों पर अपना नियंत्रण बनाने के लिए कुछ देश अपना प्रभुत्व कायम करना चाहते हैं और इन देशों के नागरिकों पर हमले कर रहे हैं जो मानवाधिकार का उल्लंघन है। मौलाना असगर इमाम सलफी, प्रो. राशिद साज ने भी संबोधित किया। संचालन डॉ. जकी किरमानी ने किया।