नई दिल्ली. देश मे एक और जहा राजनीती गरमा रही हैं, वहीँ दूसरी और योग को लेकर आये दिन बयानबाजी होती रहती हैं.कई मुस्लिम संगठन इस का विरोध कर रहे हैं. योग दिवस 21 जून को पूरी दुनिया में मनाया जायेगा. इसी सिलसिले के तहत.परवीन अर्शी ने बातचीत की स्वामी अग्निवेश से:
योग समाज के विशेष तपके पर थोपा जा रहा हैं क्यों ?
बिकुल नहीं योग एक प्राचीन क्रिया हैं स्वास्थ्य को ठीक और बेहतर रखने के इससे किसी भी धर्म का कोई लेना-देना नहीं हैं.
इस का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड विरोध कर रही हैं ?
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड योग का नहीं बल्कि सूर्य नमस्कार का विरोध कर रही हैं ,,अगर आपत्ति हैं तो न करे ..और अब तो सूर्यनमस्कार हटा लिया गया हैं ,,फिर किस बात का विरोध .एक अल्लाह और एक भगवन की ईबादत्त हम सब ही करते हैं ,,और योग तो अंतर आत्मा से मिलाने वाली क्रिया हैं बस, कसरत समझ कर करें ,,या नही करे. सब की अपनी मर्ज़ी.
जून को ही क्यों चुना ?
ये ना तो मोदी ने चुना न किसी और ने, ये तारीखें तो UNO तय करती हैं, जैसे वर्ल्ड कैंसर डे.पर्यावरण डे,तंबाकू डे आदि. वैसे ही वर्ल्ड योग डे को 21 जून की तारीख चुनी. बस ये तारीख खाली होगी तो तय कर दी.
क्या किसी मुहीम के तहत इससे मुसलमानो पर थोपा जा रहा है ?
बिलकुल नहीं जिस की मर्ज़ी हो करे वरना ना करे, थोपा नही जाये किसी पर सब की भावना की क़द्र करे और स्वस्थ रहने के लिए योग से बेहतर कुछ नही हैं विदेशो में भी सभी लोग कर रहे हैं. फिर धरम की बात कहा से आए
योग स्वस्थ का प्रचारक ना होकर धर्म विरोधी बनगया क्या ?
अरे नहीं ऐसा नहीं हैं,सब राजनीती करते हैं. अल्लाह की इबादत करते हैं सभी, चाहे किसी भी धर्म का हो नाम अलग हैं बस और जो मुद्राएं नहीं करनी हैं ना करे. बस स्कूलों में भी यह करे,थोपा ना जाये. बस स्वस्थ रहे, खुश रहें.
राजपथ पर 40000 से ज़्यादा लोग जमा होंगे, सुरक्षा को लेकर क्या सोचते हैं, प्रधान मंत्री सहित कई जानी-मानी हस्तियां भी होगी ?
बिलकुल सुरक्षा तो होनी ही चाहिए, इतने बड़े आयोजन में जिस में देश के प्रधान मंत्री भी शामिल हो तो फिर तो हर चीज़ की टाइट सिक्योरिटी होनी चाहिए,वैसे एक अच्छा काम किया हैं मोदीजी ने देश की बरसो पुरानी स्वस्थ रखने वाले योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पंहुचा दिया.
क्या आप भी शामिल होंगे इस आयोजन में ?
नहीं इस दिन में राजस्थान के बाड़मेर में रहूंगा 500 आदिवासी बच्चो को योग सिखाऊंगा.